क्रोध में दिए गए घाव कभी नहीं भरते || [ Hindi Motivational Stories ] - Sabse Aasan

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Friday, May 15, 2015

क्रोध में दिए गए घाव कभी नहीं भरते || [ Hindi Motivational Stories ]

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बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक लड़का रहता था ।  वह बहुत ही गुस्सैल था, छोटी-छोटी बात पर उसे गुस्सा आ जाता और लोगों को भला-बुरा कह देता । उसकी इस आदत से परेशान होकर एक दिन उसके पिता ने उसे कीलों से भरा हुआ एक थैला दिया और कहा कि, ”अब जब भी तुम्हे गुस्सा आये तो तुम इस थैले में से एक कील निकालना और बाड़े में ठोक देना।”



पहले दिन उस लड़के को चालीस बार गुस्सा किया और इतनी ही कीलें बाड़े में ठोंक दी.पर धीरे-धीरे कीलों की संख्या घटने लगी,उसे लगने लगा की कीलें ठोंकने में इतनी मेहनत करने से अच्छा है कि अपने क्रोध पर काबू किया जाए और अगले कुछ हफ्तों में उसने अपने गुस्से पर बहुत हद्द तक काबू करना सीख लिया. और फिर एक दिन ऐसा आया कि उस लड़के ने पूरे दिन में एक बार भी अपना आपा नही खोया।

जब उसने अपने पिता को ये बात बताई तो उन्होंने ने फिर उसे एक काम दे दिया, उन्होंने कहा कि, ”अब हर उस दिन जिस दिन तुम एक बार भी गुस्सा ना करो इस बाड़े से एक कील निकाल निकाल देना।”

लड़के ने ऐसा ही किया, और बहुत समय बाद वो दिन भी आ गया जब लड़के ने बाड़े में लगी आखिरी कील भी निकाल दी, और अपने पिता को ख़ुशी से ये बात बतायी।

तब पिताजी उसका हाथ पकड़कर उस बाड़े के पास ले गए, और बोले, ” बेटे तुमने बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन क्या तुम बाड़े में हुए छेदों को देख पा रहे हो। अब वो बाड़ा कभी भी वैसा नहीं बन सकता जैसा वो पहले था। जब तुम क्रोध में कुछ कहते हो तो वो शब्द भी इसी तरह सामने वाले व्यक्ति पर गहरे घाव छोड़ जाते हैं।”

इसलिए अगली बार अपना आपा खोने से से पहले आप भी ये जरूर सोच लें कि ये सामने वाले पर कितना गहरा घाव छोड़ सकता है, हो सकता है उस समय आपका गुस्सा आपको जायज लगे लेकिन ये भी हो सकता है की बाद में आपको अत्यधिक पश्चाताप के बावजूद भी सुकून न मिले !!

]|I{•------» [ क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने कि नियत से पकडे रहने के सामान है ; इसमें आप ही जलते है | ] «------•}I|[
-गौतम बुद्ध


]|I{•------» [ दुनिया एक दर्पण कि तरह है; आप इस पर क्रोधित होइए और यह आप पर क्रोधित होगी आप मुस्कुराइए और यह भी मुस्कुराएगी | ] «------•}I|[






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